संदेश

मार्च, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

धूप.. हे भगवन..!

चित्र
धूप आख़िर धूप ही है हो तो भी नुक्सान और ना हो तो भी ... जाड़े की नर्म धूप ... और अब मार्च महीने में ही चिलचिलाती धूप अभी से पथिक का जीना हराम कर दिया है ॥ मई और जून में क्या होगा .. बाहर की तपिस ने तो इंसान को और भी गरम बना दिया ..