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मीठा मौसम

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बदलने लगा अब मौसम  ठंड़ी सी फुहार लिए  मूंगफली और गुड का  मीठा सा सौगात लिए।               साफ हो रहीं बुझी अंगीठी अंगारों कि हो रही तलाश  बदलने लगा अब निष्ठुर मौसम  दिला रहा सर्दी का अहसास।    बदल रहे गिलाफ़ रज़ाई के  स्वागत कि तैयारियां भी  मफलर टोपे और दस्ताने  देर तक बिस्तर में अंगड़ाइयां भी।          बदलने लगा अब मौसम  ठंड़ी सी फुहार लिए  सर्द हो रही हवा हवा में  ठंडक का अहसास लिये।               अब वह  कहाँ समाँ बचा है  चूल्हे के पास बैठ उड़ाते रोटी फूलने  से पहले ही  अध् जले गरम से आलू खाते।             खूब उड़ाते मूंगफली भी  फौजे चाचा कि गाड़ी से रेवड़ियों कि मिठास भी  और खाते गज़क गुलगुले। आज व्यस्तता के आलम में  यह सब बातें बनी इतिहास  बस इतना ही कह सकते  मौसम बदला लिए सर्द फुहार।। … विशाल