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जन्मदिन पर कुछ पंक्तियाँ

जीवन की आपाधापी कोहराम सा मचा हृदय में छिन-छिन पल-पल बढ़ते पथ पर राहगीर बने जीवन के, गिरना चलना, उठकर रहना हर पल जीवन का है गहना एक वर्ष का सफ़र ख़त्म हो फिर से एक सीढ़ी है चढ़ना, नही वक्त है सोचें फिर हम क्या खोया क्या पाया अब तक चलते रहने की धुन में जीवन सुंदर पाया मैने, नही शिकायत इससे मुझको जो जिया वह अनमोल हमेशा संघर्षों की परिपाटी पर निर्माण हो रही सार्थक दिशा, फैले इस समाज़ को मैने अभी ओर कुछ देना है लेकिन दूषित होते पल में जीवन संभाल कर जीना है, आज बीत रहा एक पड़ाव अभी महत्वाकांक्षा बाकी है इस समाज़ ने दिया बहुत कुछ इसका क़र्ज़ भी बाकी है, शिव अब जागो,कंठ सुखता गरल फैला है इस जग में स्वार्थ, लोभ, छल, मक्कारी फैली हुई है पग-पग में, नीलकंठ फिर बनने तुमको इस धरती पर आना होगा मेरा जीवन सरल बनाने विलक्षण नेतृत्व बनाना होगा, इतनी इच्छा कर दो पूरी मैं आदर्श बनूँ ओरों का इसके लिए बने यह जीवन कर्तव्यों से कर्तव्यों का.. प्रतिवर्ष की तरह जन्मदिन पर कुछ पंक्तियाँ परिजनो, सभी मित्रो, गुरुजनो, आदरणीय, स्नेहियों के सादर आभार सहित

बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान

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८ मार्च महिला दिवस पर विशेष            बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान के अखिल भारतीय संयोजक डा.राजेंद्र फडके से इस महत्वपूर्ण अभियान पर देश में हो रहे कार्यो व उसके परिणामो पर चर्चा की  विशाल चड्ढा ने                                                                             प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पदभार संभालते ही देश में कन्या जन्मदर के गिरते स्वरूप पर चिंता व्यक्त करते हुए बेटियों के लिए एक बडी योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया। उन्होंने हरियाणा के पानीपत से २२ जनवरी २०१५ को बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान की शुरूआत करने का निर्णय लिया। जिसे बाद में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शहा ने बैंगलूर की केंद्रिय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में नमामी गंगे व स्वच्छता अभियान के साथ चलाए जाने की घोषणा की। प्राथमिक दौर में देश के कन्या जन्मदर वाले १०० जिलो को चुना गया। देश के सभी ३६ राज्यो में इस कार्य का शुभारंभ करते हुए बैठके व आकडो के संकलन का कार्य प्रारंभ किया। महाराष्ट्र में इस अभियान के १० जिले चुने गए। उत्तर भारत की तर्ज पर पुरे देश में अभियान के अंत