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हे भगवान् आज फिर रावण जला दिया जायेगा !!

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देश के विभिन्न इलाकों में गुरूवार 18 अक्टूबर को विजयादशमी पर्व मनाया गया, जबकि उत्तर भारत सहित कई हिस्सों में आज 19 अक्टूबर को विजयादशमी पर्व मनाया जा रहा है.  हे भगवान् आज फिर रावण जला दिया जायेगा !! बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतिक के रूप में. बिना किसी आत्म्परिवर्तन के हम स्वयं ही आंकलन कर लेंगे की हम खुद बहुत अच्छे हैं और समाज की सारी अच्छाईयां हमारे घर में पानी भरती हैं. रावण सदियों से बुरा था, बुरा ही रहेगा. हम सभी कुरीतियों से परे साफ़ सुलझे आदर्शवादी इंसान हैं, हमें पुरा अधिकार है रावण पर रौष प्रकट करने का . हमें अधिकार है रावण को जलाने का.. खैर होना भी चाहिए.. दीपक तले अँधेरे को कौन देखता है. तम्बाकू हानिकारक है भला इस चेतावनी को कौन पढता है. अब सवाल यह उठता है की रावण में ऐसा क्या था जो आज हमारे समाज में मोजूद नहीं है, फिर अकेला उसे ही जलाने की जिद्द क्यों ?? आधा गिलास भरा को सकारात्मकता व आधा गिलास खाली को नकारात्मक के चश्मे से देख कर भी हम रावण की नकारात्मकता देखना ही पसंद करेंगे. विधान ही ऐसा बना दिया गया है .  बरहाल रावण जलाने की पुरातन परम्पराओं का नि