देखो भईया ! होरी आ गई, अब ना कहिओ पानी नाय है !!
# बुरा न मानो होली है... यह सिर्फ होली का व्यंग्य प्रस्तुत करने का प्रयास है. इसे सिर्फ होली की भीगी भीगी खुशियों , रस भरी गुजिया के साथ उपयोग करें . किसी भी किरदार की उपेक्षा करना, उपहास उड़ाना यां मखौल उड़ाने कि कतई मंशा नहीं है. किसी भी जाति , समाज , धर्म को मात्र वस्तुस्थिति के आधार पर सम्मान के साथ उलेखित किया है. इन सबको नीचा दिखाने यां जानबूझकर घसीटने का कोई प्रयास नहीं है . समर्पित व्यक्ति, भक्त यां अंध भक्त बिलकुल न पढ़ें. पढने के बाद शारीरिक उत्तेजना - अवचेतना के बदलाव होली के अवकाश पर छुट्टी पर गए डाक्टर के लिए भी रंग में भंग डाल सकते हैं. बुंदेलखंड की स्वस्थ हास्य-व्यंग्य की परम्परा का आनंद लें.. और हाँ ! नर -मादा, तेल लगाना, सिरप, कुशी, चातिसघर को क्रमशः नर्मदा, तेलंगाना, सिर्फ, ख़ुशी एवं छत्तीसगढ़ ही पढ़ें.. बुरा न मानो होली है.. लेयो इते अबहे जाडा खतम नई भया.. और होरी आ गई .. कोन्हू फिलम में नाना पाटेकर कहत हते " आ गए मेरी मौत का तमासा देखने " ऐसइ कछु ' चमन चूतिये' आ गए लड़का बच्चान के सिखान के लाने...