वह नारी ही तो है.. उषा किरण सी कोमल , वर्षा की बूँदों सी पावन फूलों की पंखुड़ियों समान, पलकों का अवगुंथन उठा नव जात शिशु ने, जिससे पहले पहल निहारा वह नारी ही तो है... कोमल होंठों पर छाई पहली मुस्कान की बलैइयाँ लेती नन्हे नन्हे हाथों में अपने स्पर्श से जादू भरती मानव रूप को सर्व प्रथम अपने आँचल की छाँव देती वह नारी ही तो है .... जिसने प्रभु वा परिजनो से परिचय कराया जिसने संस्कारों का सस्नेह पाठ पढ़ाया जिसने मात्रभूमि के लिए कर्तव्यों का भान कराया वह नारी ही तो है.. ममता वरसाती स्नेह लुटाती, पल पल जीने की राह दिखाती पथ दर्शाती,आदर्श बताती,धरती परसज्जन और वीर बनाती वह नारी ही तो है... निर्माण की प्रेरणा ,ज्ञान की अविरल बहती धारा, देश को विवेक और आनंद जिसने समर्पित किया, वह नारी ही तो है.. नीरा भसीन bhasineera@gmail.com