आओ बेलन टाइप डे मनाएं

                                 आओ बेलन टाइप डे मनाएं              
सुबह सुबह सोशल मीडिया पर किसी अखबार की कतरन खुली।  पता चला की कुछ दम्पत्तियों के जीवन के सार को खुशहाली में परोसा गया था। सभी अपने अपने अनुभव में जीवन साथी को सर्वश्रेष्ठ बता रहे थे।  होना भी ऐसा ही चाहिए। अच्छा लगा जान कर वो वेलेंटाइन डे पर कुछ बेलन टाइप स्मृतियाँ प्रस्तुत कर रहे थे। बहुत पहले फारुख शेख का एक धारावाहिक आता था जीना इसी का नाम है.. कुछ उसी से प्रेरणा लेता हुआ यह प्रकाशित अंदाज़ था। आज कल अखबार अपने व्यवसाइक फायदे के लिए कोई भी नई  संकल्पना को जन्म देते हैं। मज़बूरी है साहब , बड़े बड़े ताम-झाम को कैसे चलाएंगे। खैर याद आया इसी तरीके की  बेलन टाइप श्रृंखला तो घर घर में होती होगी।  आज कुछ विशेष निगरानी में पति वर्ग, पुरुष वर्ग के लिए मध्यम संगीत में गाना चल रहा होगा.. बाबूजी ज़रा धीरे चलना, प्यार में ज़रा... पर क्या करें कमबख्त वेलेंटाइन डे है।  गुलाबी उपहारों से सजी दुकाने न जाने क्यों बेलन टाइप को भूलने के लिए मज़बूर कर देती  हैं। कुछ दिन पहले एक समाचार पढ़ा था की शहर के गांधी पार्क में दोपहर को एक युवक अपनी माशुका को लेकर आया। किसी कोने में जा कर उसने ज़िंदगी को साथ जीने मरने की कसमें खाना शुरू कीं।  वहीं  किसी अन्य कोने में ज़िंदगी को समय के साथ काट रहे कुछ बुजुर्गों की इस जोड़े पर नज़र पड़ी।  तुरंत ही एक बुजुर्ग अपने कुछ साथियों के साथ लैला मज़नू बने इस जोड़े के पास पहुँच गए और जमकर पिटाई कर डाली।  बाद में पता चला की पिटने  वाला  वह युवक, पीटने वाले बुजुर्ग का दामाद था। ससुरा ई बेलन टाइप होत  ही कुछ अइसन  है।  बेचारे को क्या पता ससुर जी भी टाइम पास करने घर से दूर उसी गांधी पार्क में पहुँच जायेंगे।  नीम हाकिम खतरे जान सलाहकारों ने सलाहें दे डाली, ज्यादा के चक्कर में न पड़ो, जो भी है उसमें ही संतुष्ट रहो, बढ़ती उम्र में हड्डियां जुड़ना रिस्की रहता है।  दांत भी फिर से नहीं उग पाते , सूजन से चेहरा भी बिगड़ सकता है।  अब बताओ इतनी सलाह मतलब दहशत  के  बाद कौन  ससुरा बेलन टाइप डे  को भूलना चाहेगा।  बचपन में पढ़े कबीर दास जी याद आ गए...  
                                 रुखा सुखा खाई के, ठंडा पानी पी।  
                                देख पराई चुपड़ी, मत ललचाओ जी। 


                                              

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