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खान्देश का परंपरागत कानुबाई उत्सव

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खान्देश  का  परंपरागत  कानुबाई  उत्सव सावन माह की शुरुवात से ही खान्देश में विभिन्न उत्सवों की रौनक दिखाई देने लगती है। इनमें खान्देश में मनाये जाने वाले विभिन्न त्यौहारों में ग्रामीण विभागों सहित शहरी भागों में भी बडी ही धूमधाम से मनाये जाने वाले कानुबाई उत्सव का आज भी अपना एक अलग स्थान है । सोमवार को विगत एक सप्ताह से चली आ रही तैयारियों के  कानुबाई उत्सव का समापन हुआ। आम तौर पर स्थानिय प्रथाओं में श्रावण की नागपंचमी के उपरांत आने वाले पहले रविवार को यह कानुबाई उत्सव मनाया जाता है। दूसरे दिन सोमवार को ही बडे ही धूमधाम से भक्तिपूर्ण वातावरण में कानूबाई उत्सव का समापन किया जाता है ।कानुबाई उत्सव के लिये पुरानी परंपरा को देखते हुए तिथी आदि नहीं देखी जाती। सोमवार को परिवारों द्वारा घर में सजाई गई कानुबाई की पुजा अर्चना करते हुए मेहरुण तालाब परिसर में विसर्जन किया गया। खान्देश के इस कानूबाई उत्सव को स्थानीय ग्रामीणों में रोट का उत्सव भी कहा जाता है । कानुबाई उत्सव के बहाने खान्देश में परिवार व कुनबे एकत्रित होते हुए पूजा पाठ के साथ खानपान का सामुहिक आनंद भी उठाते है। दीपावली त्यौहा