धूप.. हे भगवन..!


धूप आख़िर धूप ही है हो तो भी नुक्सान और ना हो तो भी ... जाड़े की नर्म धूप ... और अब मार्च महीने में ही चिलचिलाती धूप अभी से पथिक का जीना हराम कर दिया है ॥

मई और जून में क्या होगा .. बाहर की तपिस ने तो इंसान को और भी गरम बना दिया ..

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