रामदेव बाबा रह सकते है एक माह तक भूखे

 रामदेव बाबा अनशन  में

पौंधो व जडी  बुटियों के

दम पर  रह सकते है

एक माह  तक भूखे...


जलगांव - भ्रष्टाचार व काले धन के मुद्दे पर देशभर में भारत स्वाभिमान यात्रा के माध्यम से एक सशक्त जनाधार खडा करते हुए योगगुरू रामदेव बाबा द्वारा आज ४ जून शनिवार से नई दिल्ली के रामलीला मैदान पर प्रारंभ किये जा रहे अनिश्चितका लीन भूख हड़ताल आंदोलन पर देश भर की निगाहे टिकी हुई है । इस आंदोलन में रामदेव बाबा के हठयोग के आगे भले ही सरकार ने घुटने टेकने की मुद्रा में हो किंतू हकिकत यह है कि यदि आज शनिवार ४ जून से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल प्रारंभ होती है तो कोई भी  सहज रूप से एक माह यां इससे अधिक समय तक बिना कुछ खाए भूखा रहा जा सकता है । यह कोई चमत्कार नही बल्कि भारतीय प्राकृतिक संपदा में मौजूद जडीबुटियों व पौधों का  कमाल हो सकता है । प्राप्त जानकारी के अनुसार विभिन्न प्रका र की वनस्पतियों में ऐसे गुण अवशेष मौजूद रहते है, जिन्हे इन्ही हकिमो, आयुर्वेदाचार्यों यां बॉटनिकल विशेषज्ञों द्वारा पहचानते हुए समाज में विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया जाता है । रामदेव बाबा के भूख हड़ताल के विषय पर उनके योग एवं आयुर्वेद से जुडा होने के कारण सहज रूप से मन में जिज्ञासा उत्पन्न हुई की बिना कुछ खाए भूखे रहते हुए एक ओर तो सरकार पर दबाव डालते हुए अपना साध्य पूरा  किया जा सकता है । वही दूसरी ओर भारतीय वनस्पतियों में व्याप्त गुणकारी औषधियों का  प्रयोग करते हुए इस क्षमता को समाज में प्रस्तुत  किया जा सकता है । इस विषय पर कुछ वनस्पति विशेषज्ञ व जडीबुटियों के ज्ञाताओं से बातचीत करने के दौरान हैरत भरी जानका री सामने आयी ।


इस जानकारी में अंग्रेजी भाषा में रफ कॉफ ट्री एवं बोलचाल, हिंदी भाषा में अपमार्गा चिरचिरा आघाडा नामक वनस्पति के बीजों का  काढा बनाते हुए एक तय मात्रा घूँट स्वरूप पी लेने से व्यक्ति एक माह तक बिना कुछ खाए भूखे रह सकता है । प्रतिदिन काढे की तय मात्रा से शरीर की व्यापक शिथिलता पर भीतरी परिणाम के साथ महिनों भूखा रहा जा सकता है । इसका  यह अर्थ नही  कि भुखमरी के दौर में इस अपमार्गा चिरचिरा आघाडा वनस्पति का  व्यापक प्रयोग करना चाहिए ।


इसके अलावा वनस्पति विशेषज्ञों ने बताया  कि भारतीय वनस्पति शास्त्र में सफेद मंदार की जडों का  काढा, जंगली केली के कंद यां फल को उबाल कर सेवन, बिदारी कंद, वज्रदंती, लालकंद यां रतालू, एलोवेरा की जडे, मोचरस, गोंदतीरा, हजारदानी, क्योकंद शुद्धिकरण के बाद, लिसूरा आदि वनस्पतियों के अलग अलग तरीके से प्रयोग करते हुए महिनों भूखे रहा जा सकता है । ऐसे में जलगांव के हकिम साहब के नाम से प्रख्यात वनस्पति विशेषज्ञ ने दावा  किया  कि भारतीय वनस्पतियों में बहुगुणकारी वनस्पतियों का  समावेश है । जिनकी मदद से भूखों तो क्या इन्सान को प्यास भी नही लग सकती ।


उन्होने नागफनी की एक विशेष कांटारहित प्रजाति नागफना के बारे में जानकारी देते हुए बताया  कि इस वनस्पति में ७० से ८० प्रतिशत गुणकारी जल होने के कारण इस की छोटी सी मात्रा का  सेवन करने से इंसान २४ घंटे तक बिना पानी के रह सकता है । इसके अलावा हकिम साहब सम्शुद्दीन शाह ने विभिन्न प्रक्रियाओं के  साथ अजवायन फूल, पानोबा, अजमोदा, गोरखमुंडी, गुडवेल एवं खस आदि के सेवन से २४ घंटों तक बिना पानी के रहने व प्यास न लगने का  दावा  किया ।


इस बीच पौराणिक कथाओं का  उदाहरण देते हुए हकिम साहब ने बताया  कि रामायण काल में रामकंद का  उल्लेख मिलता है । रामकंद नाम उच्चारण के लिए आशय यह है  कि प्रभू राम द्वारा इसके थोडे से सेवन से महिनों तक बिना कुछ खाए अपनी यात्रा व जीवन यापन किया जाता था । इस गुणकारी रामकंद के दो पत्ते एक छोटी सी प्रक्रिया के साथ खा लेने से इंसान को एक माह तक भूख का  एहसास नही होगा । रामदेव बाबा की भूख हड़ताल भले ही सरकार के लिए सिरदर्द का  सबब बनी हुई हो,  किंतू वनस्पतियों के विशेषज्ञों का  कहना है  कि गुणकारी वनस्पति, आयुर्वेद व योग के माध्यम से ऊर्जा संचित करते हुए  भूखे रह कर सरकार यां अन्य समाज पर प्रभाव डाला जा सकता है । हालांकि आज ४ जून शनिवार की बाबा रामदेव के भूख हड़ताल आंदोलन से इसका  कोई लेना देना नही,  किंतू ऐसा भी होता है । रामदेव बाबा ही नहीं भारतीय वनस्पति संपदा में मौजूद संजीवनियों से कोई भी भूखा प्यासा रह सकता है.. जय..हो..

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