चारसौ से अधिक मोबाईल पोट्रेट को अंजाम दिया मितेन ने

मोबाईल पर थिरकती उंगलियों से अमिताभ बच्चन की सराहना तक, चारसौ से अधिक मोबाईल पोट्रेट को अंजाम दिया मितेन ने 

                      जलगांव शहर में बिना किसी आर्ट पाश्र्वभूमी के अपने शौक को आगे बढाते हुए ४३ वर्षीय मितेन लापसिया ने अमिताभ बच्चन के चारसौ से अधिक मोबाईल पोट्रेट बनाकर युवाओं में एक अच्छी पैठ निर्माण की है। 






               इंटरनेट के युग में सीधे साक्षात्कार को जाने की अवस्था में मितेन लापसिया को इस सारी कलात्मकता के लिये स्वयं अमिताभ बच्चन ने बधाई भी दी। लगातार अपना क्रियेशन जारी रखते हुए श्री लापसिया ने पुन: अमिताभ बच्चन को अपनी ओर आकर्षित करते हुए एकबार फिरसे वाहवाही लूटी। 




      शहर में क्रियेटिव डिजाईनर व प्रिंटींग का व्यवसाय करने वाले श्री लापसिया को कला व पोट्रेट बनाने का शौक उनके पिता श्री चंद्रकांत लापसिया से प्राप्त हुआ। मुंबई में जे.जे.आर्टस् महाविद्यालय में श्री चंद्रकांत लापसिया ने अपनी शिक्षा पूरी कर जलगांव में अपने हुनर को प्रसारित किया। 

 
                        बचपन से घर में कुची व रंग का तालमेल देखकर मितेन के मन में भी कुछ कलात्मकता लाने का शौक उजागर हुआ। किंतू प्रारंभिक अध्ययन वाणिज्य में होने के कारण शैक्षणिक रूप से मितेन की यह आक ांक्षा पूरी नहीं हो सकी।


  
  किंतू तकनीकि युग में कंप्युटर व मोबाईल पर अपने हुनर को आगे बढाते हुए विभिन्न सॉफ्टवेअर व अन्य संसाधनों से एक मंझे हुए कलाकार की तरह मितेन ने अपनी छाप निर्माण की है। अमिताभ बच्चन के प्रशंसक होने के नाते उन्होने अमित की विभिन्न मुद्राओं को ही उकेरने का मन बनाया।





           एैपल आइफोन फोर को प्रमुख माध्यम चुनते हुए रोजाना लगभग २ से ३ घंटे अपनी कला की साधना के लिये देना प्रारंभ किया। प्रांरभ में अमिताभ बच्चन के पाच - सात मुख मुद्राओं को बनाने के बाद जब मितेन ने यह सब अपने मित्रों व परिजनों को बताया तो उन्हे प्रशंसा के साथ यह सारी कलात्मक गती विधी को ओर आगे बढाते हुए अमिताभ बच्चन तक पहुंचाने के लिये प्रेरित किया गया।





                विगत ९ माह से मितेन ने अपने इस लक्ष्य को सामने रखते हुए कार्य करना प्रारंभ किया। और फेसबुक पर अमिताभ बच्चन के पेज से जुडते हुए बनाये गये चित्रों को भेजा।


      मितेन ने बताया कि परिवार व दोस्तों से मिली सराहना व सुझावों को देखते हुए उन्होने अमिताभ बच्चन की सात हिंदूस्तानी से लेकर सत्याग्रह फिल्म तक लगभग सभी फिल्मों में से एक दृश्य को उंगलियों की थिरकन से उकेरकर साकार कर डाला। पहली बार मितेन की इस कला को अमिताभ बच्चन ने फेसबुक पर कुल २५० फोटो प्रकाशित होने के बाद ३ माह पूर्व सराहना की। इस सराहना को स्वयं के लिये प्रोत्साहन मानते हुए मितेन ने अपना कार्य जारी रखा। जिसके उपरांत विगत ३ जनवरी को फिर से अमिताभ बच्चन ने अंदाजन ३२५ वीं फोटों के रूप में सराहते हुए मितेन लापसिया के कार्य की रसीद के रूप में अपनी टिप्पणी जारी की। यहां बतादें कि अमिताभ बच्चन के फेसबुक पेज पर देश भर से प्रशंसकों द्वारा इस तरह की फोटो प्रकाशित करने के लिये फैन्स क्लब के  रूप में पहले फोटो को ई-मेल के माध्यम से भेजा जाता है। जिसके उपरांत अमिताभ बच्चन स्वयं इन फोटों का ई-मेल पर चयन करते हुए देश भर से आई फोटो में से सर्वश्रेष्ठ फोटो को अपने फेसबुक वॉल पर डालते है। और सर्वश्रेष्ठ साप्ताहिक फोटो के रूप में इस फोटो को स्थान प्राप्त होता है। इसी प्रक्रिया में मितेन लापसिया की फोटो कईं बार चुनकर अमिताभ बच्चन के फेसबुक वॉल की शोभा बढा चुकी है। सदी के महानायक से मिलने, देखने, यां बात करने की प्रशंसकों को एक ललक सी रहती है। मितेन ने भी अमिताभ  बच्चन की इस सराहना के बाद उनसे एक मिनट मिलने का समय भी मांगा है। 


  चारसौ से अधिक फोटो का यह सफर अभी भी जारी है। मितेन का कहना है कि जब अमिताभ बच्चन का समय प्राप्त हो जायेगा तब वह अब तक की बनाई गई सभी फोटो को एक आकर्षक एैल्बम के रूप में तैयार कर सदी के महानायक क ो भेंट करेंगे। इस कलाकृती से मितेन ने आधुनिक तकनीकि ज्ञान को आगे बढाते हुए कला प्रेमियों को मोबाईल क्रियेशन का एक नया आयाम दिया है। मोबाईल की छोटी सी स्क्रीन पर बडे बडे सॉफ्टेवेअर के माध्यम से चित्रकला की बारीकियों को उकेरने के लिये जो मेहनत प्रस्तुत हो रही है वह निश्चित ही अमिताभ बच्चन से मिलने की खुशी से ज्यादा बढकर नहीं होगी। कौन बनेगा करोड पती के माध्यम से अमिताभ बच्चन के  दिवानों को देखने का अवसर प्राप्त हो चुका है। किंतू अपने व्यवसाय को संभालते हुए मितेन की दिवानगी इस कदर हावी है कि फेसबुक व फोटो क्रियेशन पर वह अपना अधिक से अधिक समय व्यतित कर रहे है। आज मितेन के इस कार्य को एक सधे हुए कलाकार की तरह देखते हुए परिजन काफी खुश है। अब इस रोजाना की दिनचर्या बन चुके कार्य को प्रोत्साहित करने के लिये मितेन की बेटी युक्ता, बेटा पुर्वक व पत्नी दक्षा भी निरंतर सहयोग करती है। मितेन के  परिजनों का कहना है कि एक हजार चित्र बन जाने के बाद एक बडी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा।

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