** आदरनिए बाबा साहब हम शर्मसार है...????




देशभर ने मनाया डा. आंबेडकर का जन्मदिन, पाचोरा में दी गयी डा. आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस की शुभकामनाएं

जलगांव - गत गुरुवार १४ अप्रैल को देश भर में संविधान निर्माता डा. बाबासाहब भीमराव आंबेडकर का १२० वा जन्मदिन उत्साह के साथ मनाया गया। इसे देश के पढे लिखे समाज की विडंबना ही कहा जायेगा कि , जलगांव के पाचोरा तहसील में एक अध्यापक निर्माण करनेवाली संस्था व उसकी संस्था अध्यक्षा द्वारा डा. आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस की शुभकामनाएं दी गयी। हैरत की बात यह है कि , राष्ट्रवादी कोंग्रेस के महिला संगठन की पदाधिकारी कही जानेवाली इन संस्थाध्यक्षा द्वारा लाखो लोगों की अस्मिता को दांव पर लगाकर अपने सामान्य ज्ञान व राष्ट्र के प्रति जवाबदेही को उजागर कर दिया। हैरत की बात तो यह है कि , पाचोरा में डी.एड. व बी.एड. महाविद्यालय चला रहे संस्थान की अध्यक्षा द्वारा अपने चित्र के साथ इतनी बडी लापरवाही का उदाहरण सार्वजनिक किया गया और इसके विरोध में गुरुवार को दिनभर कोई भी आगे नहीं आया। प्राप्त जानकारी के अनुसार डा. बाबासाहब आंबेडकर के १२० वे जन्मदिन को मनाने के लिए जिले भर में बडे-बडे बैनर व होर्डींग लगाते हुए राजनेताओं, संस्थाचालको , एवं गली कूचे के नेताओं ने स्वयं को डा. बाबासाहब के प्रति समर्पित व संविधान निर्माता को लेकर अपने स्नेह का प्रदर्शन प्रारंभ किया। ऐसे में विगत बुधवार १३ अप्रैल देर रात पाचोंरा शहर में भी अध्यापक निर्माण करनेवाली कर्मशाला के रुप में एड. एच.एन. पाटिल अध्यापक विद्यालय एवं श्रीमती सुमनताई बी.एड. कॉलेज की अध्यक्षा कही जानेवाली डा. अस्मिता पाटिल ने अपनी समाज छवि को और भी उज्ज्वल करने एवं डा. बाबासाहब आंबेडकर के अनुयायीयों के बीच अपनी सकारात्मक व पैंठ भरी छवि निर्माण करने के लिए पाचोरा शहर के भडगांव मार्ग पर स्थित महाराणा प्रताप व कॉलेज चौक पर एक बडा बैनर लगाते हुए डा. बाबासाहब आंबेडकर के जन्मदिन की जगह उनके स्वर्गवास दिवस अर्थात महापरिनिर्वाण दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं दे डाली। इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि , एक पढेलिखे और समाज को दिशा निर्धारित करनेवाले समाज द्वारा इतनी बडी भूल की गयी । कितु यह भूल समझ में आते ही बुधवार १३ अपै्रल देर रात लगभग ४-५ घंटे बाद डा. अस्मिता पाटिल के समर्थको या अन्य द्वारा यह बैनर उतार लिया गया। किंतु तब तक इस बैनर के चित्र व चर्चा पूरे जिले में पहुंच चुकी थी। इन सब के बीच १४ अप्रैल को डा. बाबासाहब आंबेडकर का जन्मदिन मनाता हुआ जलगांव जिला इस बात को गंभीरता पूर्व नहीं ले सका था। इस सारे मामले में बैनर लगानेवाले या बैनर पर चमकने वाले अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडते हुए किसी को बली का बकरा बना रहे हो तो भी वह अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकते? क्योंकि , यह सारा प्रश्र लापरवाही का नहीं बल्कि राष्ट्र महापुरुष ·की अवहेलना व उपहास से जुडा है। इतना ही नहीं इस एक बैनर ने जलगांव जिले के खास तौर से इन संस्थान के शिक्षण स्तर पर भी प्रश्रचिन्ह खडे कर दिये है। क्योंकि , अध्यापक निर्माण करनेवाली संस्था की प्रमुख नेत्री द्वारा अपने चित्र के साथ बैनर पर इतनी बडी भूल की जा रही हो तो, यह पाठ पढ कर यहां से शिक्षक बननेवाले आगे समाज में क्या शिक्षा देंगे? इतना ही नही डा. अस्मिता पाटिल के राज्यस्तर के राष्ट्रवादी कोंग्रेस की नेता व सांसद श्रीमती सुप्रिया सुले से जुडते हुए उनके यशस्वीनी महिला बचत गट अभियान की राज्य संयोजिका का दायित्व भी उनके सामाजिक दायित्व व नेतृत्व पर प्रश्रचिन्ह खडा कर रहा है। इसके अलावा बैनर ·के माध्यम से राष्ट्रमहापुरुष की अवहेलना करनेवाली डा. अस्मिता पाटिल को हाल ही में प्रदेश राष्ट्रवादी कोंग्रेस ने अकोला जिले के स्थानीय इकाई चुनाव के लिए निरीक्षक के रुप में नियुक्त कर के भेजा था। देखना यह है कि , जिले भर के डा. बाबासाहब पर प्रेम करनेवाले समर्थको , कार्यर्ताओं, अनुयायीओ द्वारा राष्ट्र महापुरुष की इस विडंबना पर क्या निर्णय लिया जाता है?

टिप्पणियाँ

  1. muze nahi lagata ye kisi achi sanstha ki adhyaksha hai jinhe jayanti aur mahaparinirvan din ka farak malum nahi

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  2. सर बहुत अच्छा है , बहुत ही अच्छा
    ये तो अख़बार में आना चाहिए था ये तो , कितने लापरवाह लोग ही ये इस बन्नेर से ही पता चलता है , ये अध्यापक बनायेगे क्या जिन्हें ये नहीं पता की शुभकामनाये कैसे दी जाती ही और किस लिए दी जाती ही
    इन्होने तो बाबा साहेब का अपमान ही कर दिया ही ,
    आपका ब्लॉग और बहुत अच्छा ही सर
    लिखते रहिये खुल के
    शुभकामनाये

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  3. कृपया इस पेज को हटा दिजिये ये गलत तस्विर हटा दिजिये हम और विडंबन नही सह सकेंगे।

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