अन्ना देख तमाशा



08 अप्रेल ११ को लिखा था दैनिक भास्कर में कुछ अपनों ने कहा की ब्लॉग पर डालो

अण्णा हजारे के नाम पर सजने लगी दुकाने, समर्थन व स्वयंसेवी संगठन के रुप में उग आये कुकरमुत्ते



विशाल चड्डा -



जलगांव - प्रख्यात समाजसेवक अण्णा हजारे द्वारा लोकपाल विधेयक को मंजूर कराने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर आंदोलन प्रारंभ करते ही जलगांव जिले भर में अण्णा हजारे को समर्थन दिये जाने के नाम पर दुकाने सजने लगी। इन दुकानों के तहत प्रसार माध्यमों द्वारा प्रसिध्दी पाने ·की होड में गली, मुहल्ले के कथित समाजसेवक, स्वयंसेवी एवं भ्रष्टाचार से कहने के लिए कोसो दूर रहनेवाले लोगों ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर यू? तो अण्णा हजारे को अपना समर्थन जारी किया ! किंतु कही न कही खुद को चमकाने ·की दुकान खोलते हुए अनोखे समर्थन आंदोलनों से मीडिया ·को अपनी ओर आकर्षित ·करने ·का प्रयास ·किया। जलगांव में कार्यालय, विभिन्न तहसीलों ·के तहसीलदार ·कार्यालय या अन्य चौराहों पर १० गुना १० ·के मंडप सजाते हुए एक· ५० रुपये ·का बैनर लगाक·र अण्णा हजारे ·को समर्थन देने ·के लिए लोगों ·की भीड विगत दो-तीन दिन से देखी जा रही है। ऐसे में सूचना ·के अधिकार ·का नियम ·को प्रयोग करते हुए एकत्रित सूचनाओं ·के साथ संबंधित संस्थानो, व्यक्तियों आदि ·के खिलाफ मोर्चा खोलकर अपना उल्लू सीधा ·कर रहे ·कथित समाजसेवी भी अण्णा हजारे ·को समर्थन देते नजर आ रहे है। हालां·कि भ्रष्टाचार ·की चाशनी में घुलकर मीठे हो चु·के इन कथित समाज सेविओं ·को हर आने-जानेवाले देख·कर मुस्कराते हुए रह जाते है। क्यों·कि लोग खुली जबान से तो इन कथित समाजसेविओं ·के बारे में ·कुछ नहीं ·कह पाते। ·किंतु दबी जबान से इन·के सारे कारनामे जिलेभर में गूंजते रहते है। विगत तीन दिनों में अण्णा हजारे ·को लो·पाल विधेयक व भ्रष्टाचार ·के नाम पर समर्थन जारी करते हुए जिस तरह ·की दु·काने चलायी जा रही है। उन्हे देख·कर प्रख्यात समाजसेवक· अण्णा हजारे ·के आंदोलन ·का औचित्य स्थानीय स्तर पर नष्ट होता दिखायी दे रहा है। जलगांव जिले में तो मल्टी नैशनल कपनी ·के सधे हुये एवं मंजे हुए विक्रय प्रतिनिधी की तरह अण्णा हजारे ·के आंदोलन ·को समर्थन ·के रुप में बेचा जा रहा है। इस मामले में आंदोलन·कारियों ·के रोजाना सामने आ रहे नये-नये तरी·के आम जनता ·को मनोरंजन देने ·के सिवाय और ·कुछ नही दिखायी दे रहे है। जलगांव जिले में पग-पग पर फैले भ्रष्टाचार, समस्याओं एवं विविध प्र·का र ·की परेशानियों ·के लिए ·भी भी इन ·की तरह कथित आंदोलन·कारियों ने एक· साथ आक·र मोर्चा नहीं खोला। इस·के अनेक· उदाहरण जलगांव जिले में मौजूद है। ·किंतु सिर्फ इतना ·हा जायेगा ·कि, आज तक· जलगांव जिले ·के पूर्व ·कोन्ग्रेस अध्यक्ष वी.जी. पाटिल हत्या·कांड में उन·की पत्नी श्रीमती रजनी पाटिल ·को न्याय नहीं मिल स·का । ·किंतु शायद यह सब मुद्दे ·कथित समाजसेविओं ·की जेब भरने ·के लिए पूरक· नही है। इतना ही नही महाराष्ट्र भर ·के सह·का र क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार ·के लिए जलगांव जिले में समाजसेवियों द्वारा सिर्फ अपनी दु·का ने चलाने ·के लिए आंदोलन ·किया जाता है। यदि ऐसा ना होता तो सूचना ·के अधि·का र ·के तहत पतसंस्थाओं ·के घोटालों ·की जान·का री प्राप्त ·करनेवाली याचि·का ·को औरंगाबाद खंडपीठ ·का स्टे ऑर्डर लगा पत्र ना थमाया जाता? विदित हो ·कि, सूचना ·के अधि·का र ·के तहत पतसंस्थाओं ·के घोटालों ·की जानकारी प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत · करनेपर जलगांव ·के पतसंस्थाओं ·के दिग्गज · कहे जानेवाले जगदीश मन्नालाल अग्रवाल द्वारा औरंगाबाद खंडपीठ से एक स्टे ऑर्डर लिया गया है। जिस·के तहत पतसंस्थाओं ·की ·किसी भी प्रका र ·की जानकारी देने पर न्यायालय ने पाबंदी लगा दी है। ऐसे में जलगांव ·के इन महाशय द्वारा पूरे महाराष्ट्र ·की पतसंस्थाओं ·की घोटालों ·की जानकारी बाहर आने पर स्टे ले लिया गया है। ·किंतु इस राज्यस्तर ·के मामले पर जलगांव ·का ·कोई भी स्वयंसेवी संगठन व अन्य संगठनों ने आंदोलन, मोर्चे या इस तरह ·के समर्थन नहीं दिये। नतिजतन सूचना ·के अधिकार जैसे अधिनियम पर एक · अदनेसे इन्सान द्वारा ·कुठरा घात ·किया गया। और हम अब लो·पाल विधेयक · ·के लिए अण्णा हजारे ·को समर्थन अर्थात समाचार पत्रों में अपने छायाचित्र व समाचार छपवाने ·का ·का र्य · कर रहे है। अण्णा हजारे ·को समर्थन ·के नाम पर स्वयंसेवी संगठन ·के रुप में उग आये कुकरमत्तों ·के चलते, सही रुप में संगठनात्मक·, भ्रष्टाचार मुक्त एवं स्वच्छ छविवाले स्वयंसेवी, समाजसेवक·, अपनेआप ·को असंमजस ·की स्थिती में खडा देख रहे है। यह तो वह बात हुयी ·कि, कानपुर की मैली पडी गंगा नदी ·को साफ करने ·की जगह हम जापान ·के सूनामी से फैला कचरा साफ करने चल दिये।

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